Wednesday, April 24, 2024
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सातवां वेतन आयोग: तीनों सेना प्रमुख रक्षा मंत्री से जताएंगे चिंता

नई दिल्ली: तीनों सेनाओं के प्रमुख जल्द ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात करेंगे और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कुछ खामियों को लेकर सेनाओं की चिंता व्यक्त करेंगे। सशस्त्र बलों का मानना

PTI PTI
Updated on: December 14, 2015 21:58 IST
manohar parrikar- India TV Hindi
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नई दिल्ली: तीनों सेनाओं के प्रमुख जल्द ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात करेंगे और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कुछ खामियों को लेकर सेनाओं की चिंता व्यक्त करेंगे। सशस्त्र बलों का मानना है कि अगर वेतन आयोग को इसके मौजूदा स्वरूप में लागू किया जाता है तो यह वेतन, सुविधाओं और दर्जे के मामले में उनकी स्थिति को उनके असैन्य समकक्षों से बहुत नीचे करेगा। सशस्त्र बलों की एक प्रमुख शिकायत जोखिम-कठिनाई से संबंधित है।

अधिकारियों के मुताबिक सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किसी सैनिक को 31,500 रुपये प्रति महीने का भत्ता मिलेगा जो दुनिया में सर्वोच्च युद्धक्षेत्र है और जहां अधिक जोखिम और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ अखिल भारतीय सेवाओं के किसी असैन्य नौकरशाह को सुविधा क्षेत्र से बाहर किसी जगह पदस्थ रहने पर उसके वेतन का 30 प्रतिशत कठिनाई भत्ता के तौर पर मिलता है।

नए वेतनमान के तहत पूर्वोत्तर के किसी शहर में पदस्थ किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को सियाचिन में तैनात सैन्य अधिकारियों को मिलने वाले 31,500 रुपये प्रति महीने की तुलना में कठिनाई भत्ता काफी अधिक मिलेगा। साल 1984 से सियाचिन क्षेत्र में कुल 869 भारतीय जवान कई कारणों से मारे जा चुके हैं जिनमें वहां के प्रतिकूल हालात भी शामिल हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धवन ने वेतन आयोग की रिपोर्ट पर तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे पहले आधिकारिक टिप्पणी की थी।

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