नई दिल्ली: सियाचिन ग्लेशियर में 6 दिनों तक बर्फ के नीचे दबे होने होने के बावजूद मौत को मात देने वाले लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पड की हालत और बिगड़ गई है। इस बीच एम्स के विशेषज्ञों का एक दल उनका जीवन बचाने के प्रयास में शामिल हो गया है।
आज शाम जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि सीटी स्कैन में ऑक्सीजन के उनके मस्तिष्क तक नहीं पहुंचने का सबूत मिला है और इस तरह से उनकी हालत बहुत अधिक गंभीर बनी हुई है। उसमें कहा गया है कि उनके दोनों फेफड़ों में न्यूमोनिया का सबूत मिला है।
बुलेटिन में कहा गया है, उनके कई अंगों के काम नहीं करने की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। आक्रामक ढंग से थैरेपी करने और सघन चिकित्सा के बावजूद उनकी हालत बिगड़ गई है। सेना के चिकित्सकों का एक दल तथा एम्स के विशेषज्ञों का एक पैनल कोप्पड़ की सेहत पर नजर बनाए हुए है।
बुलेटिन में कहा गया कि अब तक इस जांबाज सैनिक को चिकित्सा मुहैया कराई गई उससे चिकित्सकों की पूरी टीम सहमत है और उन्होंने आगे की चिकित्सा पर भी सहमति जताई है।
कोप्पड़ को कल वायु सेना के एक विमान में दिल्ली लाया गया था। उनके साथ बल का एक गंभीर स्थिति देखभाल विशेषग्य और आधार शिविर से एक चिकित्सा विशेषज्ञ था। कोप्पड़ का इंटेनसिविस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, नेफरोलॉजिस्ट, इंडोक्राइनोलॉजिस्ट और सर्जनों का एक दल उपचार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग कल उन्हें देखने के लिए अस्पताल गए थे।