Friday, March 29, 2024
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर मंत्रिमंडल की मुहर, खरीफ सत्र से होगी लागू

नई दिल्ली: देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र ने आज एक नयी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी जिसके तहत किसानों अनाज एवं तिलहनी फसलों के बीमा संरक्षण के

IANS IANS
Updated on: January 13, 2016 23:24 IST
Cabinet seal on PM crop insurance scheme- India TV Hindi
Cabinet seal on PM crop insurance scheme

नई दिल्ली: देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र ने आज एक नयी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी जिसके तहत किसानों अनाज एवं तिलहनी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए अधिकतम दो प्रतिशत और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत तक प्रीमियम रखा गया है। यह बहु-प्रतीक्षित योजना - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - इस साल खरीफ सत्र से लागू होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।

नयी योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और परिवर्तित एनएआईएस की जगह लेगी जिसमें कुछ अंतर्निहित खामियां हैं। सूत्रों ने कहा, मंत्रिमंडल ने नयी फसल बीमा योजना पर कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने अनाज और तिलहनी फसलों के लिए 1.5 से दो प्रतिशत तक और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के बीमा के लिए पांच प्रतिश्त तक प्रीमियम रखे जाने को मंजूरी दी है।

किसानों के लिए रबी के अनाज एवं तिलहनी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम जबकि खरीफ के अनाज तथा तिलहनों के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। उद्यानिकी और कपास की फसल के लिए दोनों सत्रों मौसम मैं पांच प्रतिशत तक प्रीमियम तय किया गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फसल बीमा संरक्षण का दायरा कुल 19.44 करोड़ हेक्टेयर फसल क्षेत्र के 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा जो फिलहाल इसके 25-27 प्रतिशत रकबे तक ही है। इससे इस योजना पर व्यय बढ़कर करीब 9,500 करोड़ रपए तक पहुंचने का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि इस योजना में प्रीमियम पर काई सीमा नहीं होगी और बीमित राशि में भी कमी नहीं की जाएगी। इसके साथ ही संभावित दावे के 25 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा और पूरे राज्य के लिए एक बीमा कंपनी होगी। साथ ही यही कंपनी स्थानीय जोखिम के लिए कृषि पर नुकसान और फसल के बाद नुकसान का आकलन भी वही करेगी।

भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड के साथ निजी बीमा कंपनियां इस योजना का कार्यान्वयन करेंगी। दावों से जुड़ा सारा उत्तरदायित्व बीमाकर्ता का होगा और सरकार शुरू में ही प्रीमियम सब्सिडी देगी। नयी योजना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश मानसूनी बारिश में कमी के कारण लगातार दूसरे साल सूखे का सामना कर रहा है और सरकार चाहती है कि बीमा के दायरे में कुछ और फसलों को शामिल किया जाए ताकि किसानों को मानसून की अनिश्चितता से बचाया जा सके।

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