नई दिल्ली: विशाखापत्तनम में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू की औपचारिक शुरूआत हो गई है। फ्लीट रिव्यू की शुरुआत राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को गार्ड ऑफ ऑनर देने के साथ हुई। प्रणब मुखर्जी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू इस मौके पर मौजूद हैं।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'इस समीक्षा का उद्देश्य देश को भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च मनोबल और अनुशासन के बारे में भरोसा दिलाना है। अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा मेजबान देश को एक मौका देता है कि वह अपने समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के साथ ही उस 'मित्रता के सेतु' का प्रदर्शन करे जो उसने अन्य समुद्री देशों के साथ निर्मित किया है।'
हिंद महासागर में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू के दौरान 50 मुल्कों की नौसेना का जमावड़ा लगा है। अलग अलग देशों से 24 युद्धपोत और 24 विदेशी नौसेना प्रमुख, 90 विदेशी प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। नौसेना के लिए देश में निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा राष्ट्रपति का पोत होगा और यह राष्ट्रपति के काफिले का नेतृत्व करेगा।
भारत ने सबसे पहले 2001 में मुंबई में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया था। देश में अब तक के सबसे बड़े सैन्य आयोजन के लिए नौसेना ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पूरे विशाखापत्तनम में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है। यहां 10 हजार पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य की विशेष एंटी टेरर फोर्स ऑक्टोपस के 350 से ज्यादा कमांडो यहां लगाए गए हैं। साथ ही नौसेना के स्पेशल मरीन कमांडो मार्कोज़ भी तैनात किए गए हैं।