नई दिल्ली: उपग्रह से प्राप्त ताजा तस्वीरों के मुताबिक उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर 70 फीसदी तक काबू पा लिया गया है। यहां तक कि एनडीआरएफ ने इस भीषण आग से निपटने के लिए 130 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक ओ. पी. सिंह ने बताया कि हमें सूचित किया गया है कि उपग्रह से प्राप्त ताजा तस्वीरों के मुताबिक उत्तराखंड में आग लगने से प्रभावित क्षेत्रों की संख्या पहले की करीब 427 से घटकर 110-115 रह गई है।
सिंह ने कहा कि ऐसी आशा है कि जंगल में लगी आग को बुझा रहे कर्मियों की मदद से अगले कुछ दिनों में यह संख्या कम होकर 50-60 रह जाएगी। उन्होंने बताया कि उपग्रह से ये तस्वीरें 29-30 अप्रैल को ली गई। इसने आग से निपटने में लगी सभी एजेंसियों को आशा दिया है कि इसपर जल्दी ही काबू कर लिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ के कर्मी आग में फंसे हुए प्राणियों को बचाने का प्रयास भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा और चमोली के तीन जिलों में 13 प्रभावित इलाकों में भीषण आग पर काबू पाने के लिए लगाया गया है। एनडीआरएफ महानिदेशक ने बताया कि हमारी टीमें अधिकारियों और राज्य दमकल और वन विभाग के कर्मियों के साथ तालमेल कर 13 क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन टीमों को आग के फैलाव को रोकने की पारंपरिक पद्धति को अपनाने का निर्देश दिया गया है।
सिंह ने बताया कि हम आग को फैलने से रोकने के लिए उपकरणों और हरी झाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई टीमों के तहत करीब 135 कर्मी फिलहाल उत्तराखंड में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चमोली में एनडीआरएफ पाखी और गोपेश्वर इलाकों में काम रहा है, अल्मोड़ा में टीमें बिनसार, सोमेश्वर, बिकिसेन, सिपलाखेत और धौलादेवी में काम कर रही हैं। डीजी ने बताया कि प्रत्येक टीम आठ से 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर कर रही है। एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को गाजियाबाद में तैयार रखा गया है।
बल ने पौड़ी जिले में महलचोरी के पर्वतीय इलाके में आग से एक मकान को भी बचाया जिसमें चार लोगों का एक परिवार रहता है। सिंह ने बताया कि वह राज्य में काम कर रहे अपने टीम नेतृत्वकर्ताओं से लगातार संपर्क में हैं। वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर भी आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल में पानी छिड़क रहे हैं।अब तक सात लोगों की मौत हुई है। पौड़ी, नैनीताल, रूद्रप्रयाग और टिहरी सर्वाधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। आग से कई जिलों में करीब 2,269 हेक्टेयर जंगल नष्ट हो गए और अब तक कम से कम सात जानें गई हैं।