नई दिल्ली: हिंदुत्व के अगुवा वीर सावरकर को अपना एकमात्र ब्लॉग समर्पित करते हुए भाजपा प्रमुख अमित शाह ने आज उन्हें अपना आदर्श बताया जिनका मंत्र था एक देश, एक सांस्कृतिक मूल्य और राष्ट्रवाद। शाह ने लोगों से कहा कि सावरकर के सपने का भारत बनाने के लिए लोग उनके साथ आएं। शाह ने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में सावरकर को जो उत्पीड़न सहना पड़ा और स्वतंत्र भारत में उनकी जो उपेक्षा हुई, उसके बारे वे जब भी सोचते थे उनकी आंखों में आंसू आ जाते थे।
ये भी पढ़ें- अमित शाह की आधिकारिक वेबसाइट शुरू
उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, अगर स्वतंत्र भारत के नेताओं ने राष्ट्र निर्माण में सावरकर के जीवन और दर्शन से अपनाया होता तो देश इतने कठिन समय से नहीं गुजर रहा होता। आइये मेरे साथ शपथ लीजिए कि हम उनके सपनों का भारत बनाने में भागीदार होंगे।
शाह ने कहा, सावरकरजी अविभाजित भारत के मजबूत पक्षधर थे। उनका मंत्र था एक देश, एक सांस्कृतिक मूल्य और राष्ट्रवाद... वह महान देशभक्त, अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक, महान लेखक, दूरद्रष्टा और हिंदू संस्कृति के प्रबल समर्थक थे।
सावरकर की दूरदृष्टि को याद करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वह लोकतांत्रिक भारत में विश्वास करते थे जहां सभी धर्मों और आस्था के लोगों से समान व्यवहार हो। जहां किसी को किसी पर अधिकार जमाने की अनुमति नहीं हो।
शाह ने कहा कि विभिन्न सरकारों ने उनकी उपेक्षा की। जब अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग की पहली सरकार ने संसद के अंदर उनकी प्रतिमा लगाने का निर्णय किया तो एक विशेष विचारधारा के अनुयायियों ने इसका विरोध किया। वह संभवत: कांग्रेस और वामपंथी दलों की तरफ इशारा कर रहे थे।
शाह का पहला ब्लॉग भाजपा महासचिव रामलाल द्वारा उनकी वेबसाइट की शुरूआत के बाद आया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे उन्हें लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करने में मदद मिलेगी।