Saturday, April 20, 2024
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बीसीसीआई कानून से परे नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारत में एक नियामक निकाय होने के नाते सार्वजनिक सेवा कर रही है न कि कोई व्यवसाय और इसलिए यह कानून

IANS IANS
Published on: May 05, 2016 7:15 IST
SUPREME COURT- India TV Hindi
SUPREME COURT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारत में एक नियामक निकाय होने के नाते सार्वजनिक सेवा कर रही है न कि कोई व्यवसाय और इसलिए यह कानून के अधीन है।

वरीष्ठ वकील गोपाल सुब्रामण्यम ने शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर और न्यायाधीश एफ.एम.आई कलिफुल्ला की खंडपीठ को बताया, "बीसीसीआई कोई व्यवसाय या व्यापार नहीं कर रही है बल्कि एक सार्वजनिक काम कर रही है। यह कानून के अधीन है क्योंकि यह सार्वजनिक दायित्व का निर्वहन कर रही है। कोई भी कानून से बड़ा नहीं है और बीसीसीआई भी कानून के अधीन है।"

शीर्ष अदालत ने सुब्रामण्यम को इस मामले में न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) बनाया है।

बीसीसीआई में संरचनात्मक सुधारों की सिफारिश करने वाली न्यायामूर्ति आर.एम.लोढ़ा समिति की रिपोर्ट का बुधवार को बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) ने समर्थन किया है।

सीएबी के वरीष्ठ वकील ने कहा कि कोई भी संघ जोकि एक विशेष काम को अंजाम दे रही हो, को नियम के अनुसार चलाया जा सकता है और उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।

अदालत ने कहा कि बीसीसीआई में सुधार लाने के पीछे का मकसद उसके काम में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जबावदेही लाना है और इसमें नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन शामिल नहीं है।

अदालत ने मंगलवार को कहा था कि बीसीसीआई का संविधान पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही लाने में पूरी तरह असक्षम है और इसको पूरी तरह बदलने की जरूरत है।

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