पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय बेनज़ीर भुट्टो को उनकी सेना फूटी आंख नही सुहाती थी और उन्होंने सेना पर भारत के ख़िलाफ़ परमाणु शक्ति की धोंस दिखाने का भी आरोप लगाया। उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने शासनकाल (1988-90 और 1993-96) के दौरान कभी भारत पर परमाणु हमला करने के बारे में सोचा, बेनज़ीर ने कहा, “हे ईश्वर.....मैंने कभी ख़्वाब-ओ-ख़्यालों में भी ऐसा नहीं सोचा क्योंकि मुझे मालूम है कि अगर भारत पर परमाणु हमला किया, अगर ऐसा पागलपन का ख़्याल मेरे दिमाग़ में आता भी है तो, इसका मतलब होगा अपने ही लोगों पर परमाणु बम फेंकना।”
“शक्ति संतुलन के बारे में मुझे यही बात समझ नहीं आती क्योंकि न तो भारत और न ही पाकिस्तान परमाणु हमला कर सकता है। जो भी देश ऐसा करेगा उसे मालूम है कि जवाबी हमले में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा।”
बेनज़ीर की 2007 में हत्या हो गई थी।
अंग्रेज़ी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बेनज़ीर ने ये बात 2003 में दुबई में दिए गए एक इंटरव्यूह में कही थी। उस समय वह सत्ता के बाहर थीं।
पाकिस्तान के सैन्य प्रशासन की रणनीति के बारे में बेनज़ीर ने कहा कि: “उन्हें लगता है कि परमाणु ताक़त के ज़रिये भारत को धुटनों पर लाया जा सकता है क्योंकि उन्हें लगता है कि कश्मीर में अलगाववाद कितना भी बढ़ जाए, भारत क्या कर सकता है?”
“अगर भारत ने युद्ध किया तो विश्व समुदाय को हस्तक्षेप करना पड़ेगा क्योंकि दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। और अगर विश्व समुदाय हस्तक्षेप नही करता तो भारत जानता है कि अगर उसने लाहोर की तरफ़ रुख़ किया तो पाकिस्तान बम फेंक देगा। भारत जवाबी कार्रवाई कर सकता है लेकिन फिर भी भारत में काफी लोग मारे जाएंगे।”
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