Friday, March 29, 2024
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प्लेन गिराए जाने के बाद नाटो औऱ रूस के बीच तनाव

मास्को: तुर्की के नाटो के सहयोगी राष्ट्रों ने बुधवार को अंकारा और मॉस्को के बीच रूस के जंगी हवाई जहाज़ को गिराने के बाद से बढ़ते तनाव को खत्म करने पर ज़ोर दिया, जबकि चीन ने

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: November 25, 2015 23:54 IST
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प्लेन गिराए जाने के बाद नाटो औऱ रूस के बीच तनाव

मास्को: तुर्की के नाटो के सहयोगी राष्ट्रों ने बुधवार को अंकारा और मॉस्को के बीच रूस के जंगी हवाई जहाज़ को गिराने के बाद से बढ़ते तनाव को खत्म करने पर ज़ोर दिया, जबकि चीन ने भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ज़्यादा समन्वय की ज़रूरत पर बल दिया। जंगी प्लेन को मार गिराए जाने की घटना को पिछले 50 सालों के दौरान नाटो के किसी सदस्य देश और रूस के बीच हुई सबसे गंभीर घटना करार दिया जा रहा है। रूस से विदेश मंत्री ने भी इस घटना को सोची-समझी कार्रवाई बताया, हालांकि यह भी कहा कि उनका देश इस घटना को लेकर युद्ध नहीं करेगा।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज कहा कि उनके देश के जंगी विमान को तुर्की द्वारा मार गिराया जाना सोची-समझी और उनकाने वाली कार्रवाई जान पड़ती है लेकिन इस घटना को लेकर देश लड़ाई नहीं करेंगे। अपने तुर्की समकक्ष मेवलुट कावुसोगुलू के साथ बातचीत के बाद लावरोव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, इसे पहले से सोच समझ कर नहीं की गयी कार्रवाई होने को लेकर हमें गंभीर संदेह है। वाकई यह सोच समझकर की गई उकसाने वाली कार्रवाई लगती है।

उन्होंने कहा, तुर्की के साथ लड़ाई की हमारी योजना नहीं है और तुर्की की जनता के प्रति हमारा दृष्टिकोण नहीं बदला है। उन्होंने कहा लेकिन रूस तुर्की के साथ अपने संबंधों का गंभीरता से पुनर्मूल्यांकन करेगा। लावरोव ने कहा, ऐसे हमले बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने सीरिया में लड़ाकों को जाने से रोकने के लिए सीरिया-तुर्की सीमा को बंद करने के फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद के प्रस्ताव का भी समर्थन किया और कहा कि कल अपनी रूस यात्रा के दौरान ओलोंद यह विचार उठा सकते हैं।

रूस ने उसके एसयू-24 जंगी मिवान को कल सीरिया की सीमा पर मार गिराये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इसे आतंकवादियों के साथियों द्वारा पीठ में छूरा घोंपना करार दिया। तुर्की और रूस के बीच पहले से ही चार साल से अधिक समय से चल रहे सीरिया के गृह युद्ध को लेकर मतभेद रहा है। तुर्की जहां सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के हटने के पक्ष में था वहीं रूस उनके अंतिम बाकी साथियों में एक रहा।

पुतिन और लावरोव ने इस घटना के बाद रूसी नागरिकों को तुर्की की यात्रा करने के खिलाफ चेतावनी दी है। रूस के शीर्ष राजनयिक ने आज कहा कि उनका देश किसी भी तुर्की अधिकारी की मेजबानी नहीं करने और न ही तुर्की की कोई सरकारी यात्रा करने पर विचार कर रहा है।

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